गुलज़ार

यकीन नहीं इस गुलिस्तां में ये महक कैसे गुलज़ार है, सदियों रही जो बंज़र ज़मीं आज फ़सलें इफ़्तिख़ार हैं। बहुत ख़ूबसूरत कोई फूल हो शायद या हो… Read more “गुलज़ार”

तस्वीर

एक तस्वीर मुझे खींच ले जाती है। मुझे मेरे अतीत से मिला कर खूबसूरत याद मुझे दिखा कर मेरे दिल को कँप-कपाती है, एक तस्वीर मुझे खींच… Read more “तस्वीर”

मुलाकात

दफन कहीं करके ये सारी दूरी इस दिन की मस्ती रोज़ लुटाएँ, तोड़ के बेड़ियाँ किस्मत की चलो प्रेयसी वक्त को हराएँ । आज के वादे लेकर… Read more “मुलाकात”